Friday, August 23, 2024

NATIONAL SPACE DAY CELEBRATION


 


  • ज्ञान की असीमित उड़ान (Gyaan Ki Aseemit Udaan) - The unlimited flight of knowledge.
  • ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज (Brahmaand Ke Rahasyo Ki Khoj) - The search for the mysteries of the universe.
  • तारों की दुनिया में स्वागत (Taaron Ki Duniya Mein Swagat) - Welcome to the world of stars.
  • आकाश का अनंत सफर (Aakash Ka Anant Safar) - The infinite journey of the sky.
  • स्वप्नों का आकाशगंगा (Swapnon Ka Aakashganga) - The galaxy of dreams.
  • Monday, August 19, 2024

    स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन

    स्वतंत्रता दिवस पर निबंध प्रतियोगिता चित्र माननीय प्राचार्य महोदय के साथ  

     

    स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय नं.2 विजयवाड़ा के पुस्तकालय में स्वतंत्रता सेनानी पुस्तक मेला मनाया गया

     




    स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को समर्पित इस पुस्तक प्रदर्शनी में, स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले वीरों की गाथाएँ प्रस्तुत की गई हैं। इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, हम उन महान आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। इस प्रदर्शनी में महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और अन्य वीरों की जीवनियाँ और उनके संघर्षों को जानने का अवसर मिलेगा।

    काव्य संदेश:

    स्वतंत्रता का दीप जलाओ,
    वीरों की गाथा गाओ।
    इनके त्याग को मत भूलो,
    आजादी का मोल चुकाओ।

    आओ मिलकर नमन करें,
    उन वीरों के बलिदान को।
    हम आज़ाद हैं, इन्हीं की वजह से,
    हर पल याद रखें, इस महान बलिदान को।

    पाठकों के लिए संदेश:

    इस स्वतंत्रता दिवस पर, लाइब्रेरी में प्रदर्शित इन पुस्तकों को पढ़ें और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस, त्याग और दृढ़ संकल्प को जानें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी विरासत को संरक्षित करें और उनकी विचारधारा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएं।


       सुमित शर्मा
       पुस्तकालयाध्यक्ष
      पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 विजयवाड़ा



    Monday, August 12, 2024

    National Librarian's Day Celebration



     डॉ. एस. आर. रंगनाथन को भारत में "पुस्तकालय विज्ञान के पिता" के रूप में जाना जाता है। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए हर साल 12 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस मनाया जाता है। डॉ. रंगनाथन ने पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्होंने "पांच पुस्तकालय विज्ञान के नियम" स्थापित किए, जो आज भी प्रासंगिक हैं। इस दिन, पुस्तकालयों और पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए सराहा जाता है, और समाज में पुस्तकालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया जाता है।

    स्कूलों में डॉ. एस. आर. रंगनाथन के सम्मान में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस (12 अगस्त) का महत्व छात्रों को समझाया जाता है। इस दिन, छात्रों के बीच पुस्तकालय की भूमिका और पढ़ाई में उसकी अहमियत पर चर्चा की जाती है। विभिन्न गतिविधियों जैसे पुस्तक प्रदर्शनियों, पुस्तकालय के दौरे, क्विज प्रतियोगिताओं और पुस्तकालय विज्ञान पर आधारित निबंध लेखन का आयोजन किया जाता है। डॉ. रंगनाथन द्वारा दिए गए "पांच पुस्तकालय विज्ञान के नियम" को भी बताया जाता है, ताकि छात्र समझ सकें कि पुस्तकालय का सही उपयोग कैसे किया जाए। इस तरह, छात्रों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने और पुस्तकालय के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है।


    आज हमने अपने विद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस समारोह का आयोजन किया, जिसे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली।






    Thursday, August 8, 2024

    Book Talk Review

     

    आज हमने कक्षा 7 में पुस्तक समीक्षा पर चर्चा की। सभी छात्र बहुत उत्साहित हैं और वे आत्मविश्वास के साथ आनंद ले रहे हैं और नई चीजें सीख रहे हैं।




    
    
    

    एक पुस्तकालय सिर्फ किताबों का संग्रह नहीं है, यह ज्ञान का एक महासागर है। यहां पर इतिहास के पन्ने पलटते हैं, विज्ञान के रहस्य उजागर होते हैं और साहित्य की सुगंध फैलती है। एक अच्छा पुस्तकालय एक अच्छे समाज की नींव है।

    हमारे देश के महान व्यक्तित्वों ने भी पुस्तकालयों के महत्व को समझा है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था, "पुस्तकें मनुष्य को ज्ञान का प्रकाश देती हैं।" इसीलिए हमें पुस्तकालयों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए और उन्हें संजोना चाहिए।

    आइए हम सभी मिलकर पुस्तकालयों को और अधिक जीवंत बनाएं। नए-नए किताबें लाएं, पुस्तकालय में समय बिताएं और दूसरों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें। एक पढ़ा-लिखा समाज ही एक विकसित समाज हो सकता है।

    रवींद्रनाथ टैगोर

    "किताबें मन को समुद्र की तरह विस्तृत करती हैं।"

    मुंशी प्रेमचंद

    "एक अच्छी किताब जीवन का दर्पण है।"

    जयशंकर प्रसाद

    "पुस्तकें मानवता के इतिहास की धरोहर हैं।"

    सुभाष चंद्र बोस

    "पढ़ना ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे हम स्वयं को बदल सकते हैं।"

     

    महात्मा गांधी

    "अच्छी पुस्तकें हमें अच्छे नागरिक बनाती हैं।"

     ज्ञान का खजाना, पुस्तकालय है हमारा।

     पन्नों में छुपा है जगत सारा

     

     

    शब्दों के जादू से, मन को मोह लेती, नई दुनिया दिखाती, राहें खोल देती। इतिहास के पन्नों को पलटती, भविष्य के सपने, मन में भरती।

    विज्ञान के रहस्य, कला की सुंदरता, साहित्य की मधुरता, जीवन की सच्चाई। हर पन्ने में छिपा है, ज्ञान का भंडार, पुस्तकें हैं, ज्ञान का आधार।

    स्वतंत्रता दिवस समारोह

      स्वतंत्रता दिवस समारोह पुस्तक मेला एवं स्वतंत्रता सेनानी रिपोर्ट पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 विजयवाड़ा दिनांक 15...