आज हमने कक्षा 7 में पुस्तक समीक्षा पर चर्चा की। सभी छात्र बहुत उत्साहित हैं और वे आत्मविश्वास के साथ आनंद ले रहे हैं और नई चीजें सीख रहे हैं।
एक पुस्तकालय सिर्फ किताबों का संग्रह नहीं है, यह ज्ञान का एक महासागर है। यहां पर इतिहास के पन्ने पलटते हैं, विज्ञान के रहस्य उजागर होते हैं और साहित्य की सुगंध फैलती है। एक अच्छा पुस्तकालय एक अच्छे समाज की नींव है।
हमारे देश के महान व्यक्तित्वों ने भी पुस्तकालयों के महत्व को समझा है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था, "पुस्तकें मनुष्य को ज्ञान का प्रकाश देती हैं।" इसीलिए हमें पुस्तकालयों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए और उन्हें संजोना चाहिए।
आइए हम सभी मिलकर पुस्तकालयों
को और अधिक जीवंत बनाएं। नए-नए किताबें लाएं, पुस्तकालय में समय बिताएं और दूसरों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें। एक पढ़ा-लिखा समाज ही एक विकसित समाज हो सकता है।
रवींद्रनाथ टैगोर
"किताबें मन को
समुद्र की
तरह विस्तृत करती हैं।"
मुंशी प्रेमचंद
"एक
अच्छी किताब जीवन का
दर्पण है।"
जयशंकर प्रसाद
"पुस्तकें मानवता के
इतिहास की
धरोहर हैं।"
सुभाष चंद्र बोस
"पढ़ना ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे हम स्वयं को बदल सकते हैं।"
महात्मा गांधी
"अच्छी पुस्तकें हमें अच्छे नागरिक बनाती हैं।"
ज्ञान का खजाना,
पुस्तकालय है हमारा।
पन्नों में छुपा है जगत सारा
शब्दों के
जादू से, मन
को मोह लेती, नई दुनिया दिखाती, राहें खोल देती। इतिहास के
पन्नों को
पलटती, भविष्य के सपने, मन
में भरती।
विज्ञान के रहस्य, कला की सुंदरता, साहित्य की मधुरता, जीवन की सच्चाई। हर पन्ने में छिपा है, ज्ञान का भंडार, पुस्तकें हैं, ज्ञान का आधार।